Motivational Story: राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुखातिब हुए वरिष्ठ IPS पवन जैन, कहा- सिर्फ नौकरी के पीछे ना भागें

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू की ओर से आयोजित मोटिवेशनल चर्चा में शनिवार काे मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक होमगार्ड एवं आपदा प्रबंधन पवन कुमार जैन…

Motivational Story: Senior IPS Pawan Jain addressed the students of Rajasthan University, said- Do not run after just job

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू की ओर से आयोजित मोटिवेशनल चर्चा में शनिवार काे मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक होमगार्ड एवं आपदा प्रबंधन पवन कुमार जैन ने युवाओं को जीवन में सफलता के लिए एकाग्रता का मंत्र दिया। उन्होंने छात्रों के साथ अपने छात्र जीवन के किस्से शेयर किए छात्रों से संवाद करते हुए उनके सवालों के जवाब दिए।

गौरतलब है कि जैन 1983 -1985 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञान विभाग में विद्यार्थी रहे हैं। इस दौरान सच बेधड़क से बात करते हुए जैन ने युवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी और सवालों के जवाब दिए। अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता का मंत्र दिया। जैन ने सच बेधड़क से बात करते हुए युवाओं के मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

आजकल युवाओं में बढ़ रहे सोशल मीडिया एडिक्शन को आप कैसे देखते हैं? 

देश और संस्कृति को तोड़ने के लिए पहले लोग आक्रमण करके गुलाम बनाते थे। लेकिन अब आक्रमण नए माध्यम से हो रहा हैं। सोशल मीडिया धीमा जहर है जो लगातार संस्कृति में घुलता जा रहा है। देश के लिए अफसोस की बात है कि हमारे पास अब कोई विवेकांनद और निराला नहीं है।

युवा साहित्य, संस्कृति और साहित्य पठन से दूर होता जा रहा है, इसको किस तरह देखते हैं? 

साहित्य अच्छा होगा तो पढ़ा जायेगा। वर्तमान का दौर साहित्य के लिए भी परीक्षा का दौर है। लोग आज भी प्रेमचन्द को पढ़ते हैं। रचना ऐसी हो कि युवाओं को आकर्षित करें। साहित्यकारों को भी चाहिए कि वे सरल युवा केंद्रित साहित्य लिखें। 

युवा क्रिमिनल्स को आइडियल मानने लगे हैं, इस पर क्या कहेंगे? 

ऐसा नहीं है कि रावण को मानने वाले लोग नहीं थे। खलनायकों का दौर हमेशा से ही रहा है। लेकिन अंतिम विजय राम की होती है। इसलिए युवाओं को अपने आदर्श का चयन समझ कर करना चाहिए। युवाओं के आदर्श राम, रहीम, बुद्ध, विवेकानंद, महात्मा गांधी, नानक न हो तो कोई बात नहीं लेकिन अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी न हों।

वर्तमान परिदृश्य में हिंदी माध्यम से बिना कोचिंग यूपीएससी क्रैक कैसे की जाये?

यूपीएससी ने जब सेलेबस परिवर्तन किया तब से कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आ गई। कोचिंग संस्थाओं में लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं। कोरोना के बाद ऑनलाइन कक्षाओं से शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। अगर आप गंभीर हैं तो यूनिवर्सिटी लाइब्रेी में बैठकर पढ़ना चाहिए। हिन्दी माध्यम से भी यूपीएससी पास की जा सकती है। इसके अलावा युवाओं को अच्छे रोल मॉडल बनकर नौकरी देने की भी सोच रखनी चाहिए। नौकरी के पीछे भागने के बजाय लोगों को नौकरी देने वाला बनकर युवा समाज की दिशा बदल सकते हैं। 

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