Rajasthan : मंत्रिमंडल गठन में देरी का इफेक्ट…निशाने पर अफसर, इन विधायकों ने दिखाए तेवर

प्रदेश में नई सरकार के गठन हुए 25 दिन बीत गए हैं। बावजूद इसके अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। सरकार के विस्तार में इतना लंबा ब्रेक संभवत: पहली बार लगा है।

image 2023 12 29T104253.256 | Sach Bedhadak

जयपुर। प्रदेश में नई सरकार के गठन हुए 25 दिन बीत गए हैं। बावजूद इसके अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। सरकार के विस्तार में इतना लंबा ब्रेक संभवत: पहली बार लगा है। हालांकि पार्टी पदाधिकारी मंत्रिमंडल गठन को लेकर रोज नए बयान दे रहे हैं, लेकिन कैबिनेट गठन में लगातार देरी होती जा रही है। उसका असर अब प्रशासनिक कामों पर भी पड़ने लगा है। 

विभागों में मंत्रियों के न होने से अफसर आमजन से जुड़े मौजूदा कामों पर ज्यादा फोकस नहीं कर पा रहे हैं। जनता के काम नहीं होने से नए विधायकों की संबंधित विभागों के अफसरों से तनातनी बढ़ने लगी है। पिछले 10 दिनों में मौजूदा सरकार के 4 विधायकों की अधिकारियों से तनातनी हुई है। सरकार बनने के बाद हमेशा देखा गया है कि ब्यूरोक्रेसी पर काम और परफोर्मेंस का दवाब होता है, लेकिन इस बार ब्यूरोक्रेसी बिल्कुल फ्री है, जिससे जनता के काम रुक रहे है। 

इन विधायकों ने दिखाए तेवर

लूली लंगड़ी हो जाएगी औलाद : भीलवाड़ा के सहाडा से भाजपा विधायक लादूलाल पितलिया का अस्पताल के निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रभारी डॉ. राजेंद्र मौर्य के साथ दुर्व्यहार करने का वीडियो सामने आया है। इसमें विधायक डॉक्टर से कह रहे हैं कि हराम का कमा-कमा के क्या करोगे? प्लास्टिक के कीड़े पड़ेंगे। औलाद लूली लंगड़ी हो जाएगी, एक्सीडेंट में मारे जाओगे, भगवान से डरो।

नई नौकरी है, खतरे में पड़ जाएगी : शाहपुरा से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक लालाराम बैरवा 24 दिसंबर को एक महिला एसडीएम को सार्वजनिक रूप से लताड़ लगाते हुआ कहा कि नई नई नौकरी है, यह खतरे में पड़ जाएगी। यहां के रायला ग्राम पंचायत मुख्यालय में भारत संकल्प यात्रा के तहत कार्यक्रम चल रहा था। यहां आमजन से संवाद के दौरान क्षेत्र में बनी अवैध कोयला भटि्टयों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बात हुई। तभी अचानक विधायक लालाराम बैरवा तैश में आ गए और महिला एसडीएम को खरी खोटी सुनाई।

अगर यह आपका काम नहीं तो बॉर्डर पर है काफी जगह : विधायक बालमुकुंदाचार्य 27 दिसंबर को नॉनवेज रेस्टोरेंट के अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस अफसरों को आदेश दिए। उन्होंने कहा कि 100 बार बोलने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। अगर यह आपका काम नहीं है तो साफ बात है बॉर्डर पर काफी जगह है।

मंत्रिमंडल गठन में देरी…जनता से जुड़े कामों पर असर

राजनीतिक विश्लेषक प्रो. आर डी गुर्जर ने कहा कि मंत्रिमंडल गठन में देरी से सीधा प्रभाव जनता से जुड़े कामों पर पड़ रहा है। ब्यूरोक्रेसी भी इन कामों को गंभीरता ने नहीं लेता है। विभागीय मंत्री के न होने से अधिकारियों पर काम का दवाब भी नहीं रहता है। जनप्रतिनिधियों को जनता के काम करने होते हैं, विभागीय मंत्री नहीं होने से वे सीधे अधिकारियों को तलब करते हैं। इसको लेकर कई बार जनप्रतिनिधि व अधिकारियों में टकराव की स्थिति बन जाती है। 

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