कहीं गर्मी-कहीं भारी बारिश का असर… वैज्ञानिकों ने दी तबाही की चेतावनी

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर धरती यूं ही गर्म होती रही तो समुद्री धाराओं की एक महत्वपूर्ण प्रणाली कुछ दशकों में ध्वस्त हो सकती है।

climate change

वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर धरती यूं ही गर्म होती रही तो समुद्री धाराओं की एक महत्वपूर्ण प्रणाली कुछ दशकों में ध्वस्त हो सकती है। यह दुनिया के मौसम के लिए विनाशकारी होगा और हर व्यक्ति इससे प्रभावित होगा। नेचर जर्नल में मंगलवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया कि अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग करंट (अमोक) जिसका गल्फ स्ट्रीम एक हिस्सा है सदी के मध्य में या 2025 की शुरुआत में ढह सकता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रणाली है। इसके ध्वस्त होने का सटीक बिंदु अनिश्चित है। इससे बारिश का पैटर्न भी बिगड़ेगा। 

पहले भी हुआ है ऐसा 

ऐसा पहले भी हुआ है। 12,000 साल से भी पहले तेजी से ग्लेशियर पिघले थे और तब ‘अमोक’ बंद हो गया था। इसका परिणाम यह हुआ कि एक दशक के भीतर ही उत्तरी गोलार्ध के तापमान में 10-15 डिग्री सेल्सियस का भारी उतार चढ़ाव देखा गया। वैज्ञानिक पीटर डी मेनोकल का कहना है कि ‘अमोक’ का बंद होने धरती पर मौजूद हर व्यक्ति को प्रभावित करेगा। चाहे वह अमेरिका, चीन, भारत या रूस में क्यों न हो। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार अमोक इस सदी में कमजोर हो जाएगा, लेकिन साल 2100 से पहले इसके पूर्ण रूप से ढहने की संभावना नहीं है, लेकिन नई स्टडी डराने वाली है। 

संतुलन बिगड़ने से बढ़ा खतरा 

जलवायु संकट के तेज होने के कारण वैज्ञानिक वर्षों से इसकी अस्थिरता की चेतावनी देते रहे हैं। इन धाराओं की ताकत तापमान और खारेपन पर निर्भर करती है, लेकिन संतुलन बिगड़ने से इन्हें खतरा होगा। जैसे-जैसे महासागर गर्म होते हैं और बर्फ पिघलती है, वैसे-वैसे साफ पानी समुद्र में मिलता है। इससे पानी का घनत्व कम हो जाता है, जिससे वह डूबने में कम सक्षम हो जाता है। जब पानी बहुत ताजा, बहुत गर्म या दोनों हो जाता है तो यह ‘कन्वेयर बेल्ट’ बंद हो जाता है।

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