चीनी अंतरिक्ष यात्रियों का अनोखा प्रयोग, स्पेस स्टेशन में माचिस जलाई मोमबत्ती

चीन के शेनझओउ 16 के अंतरिक्ष यात्रियों ने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में आग जलाई। इस दौरान हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। अंतरिक्ष यात्री गुई हाइचाओ और झूयांगझू ने 21 सितंबर को चीन के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन से होने वाले लाइव टेलीकास्ट के दौरान एक मोमबत्ती जलाई।

tiangong space station 2 | Sach Bedhadak

बीजिंग। चीन के शेनझओउ 16 के अंतरिक्ष यात्रियों ने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में आग जलाई। इस दौरान हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। अंतरिक्ष यात्री गुई हाइचाओ और झूयांगझू ने 21 सितंबर को चीन के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन से होने वाले लाइव टेलीकास्ट के दौरान एक मोमबत्ती जलाई। इस दौरान उन्होंने यह दिखाया कि माइक्रोग्रैविटी में आग की लपटें कैसे काम करती हैं। इस दौरान वीडियो में दिख रहा है कि आग की लपटें पानी के बूंद की तरह दिखाई नहीं देती। यह लगभग गोलाकार हैं। जबकि पृथ्वी पर जलाई गई मोमबत्तियां लपटें पैदा करती हैं। इस दौरान गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी हवा नीचे आती है।

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अंतरिक्ष स्टेशन में नियम हैं सख्त

अंतरिक्ष यात्रियों ने पूरे चीन के पांच कक्षाओंके छात्रों से बातचीत की और सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण की घटनाओंको दिखाया। अंतरिक्ष यात्रियों ने बताया कि भौतिक क्रियाएं पृथ्वी की अपेक्षा अलग तरह से व्यवहार करती हैं। हालांकि जिस तरह से चीनी अंतरिक्ष यात्री गुई ने मोमबत्ती जलाई है वह इंटरनेशन स्पेस स्टेशन के एस्ट्रोनॉट को हैरान करने वाला है, क्योंकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ज्वलनशील पदार्थों और खुली लपटों से जुड़े हुए सख्त नियम हैं।

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ISS पर कब बने सख्त नियम

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पहले रूस का मीर अंतरिक्ष स्टेशन था। इस पर 1997 में आग लग गई थी, जिसके बाद सख्त नियम बनाए गए। माइक्रोग्रैविटी में आग से जुड़ेकई प्रयोग आईएसएस पर हो चुके हैं। आईएसएस पर भी आग से जुड़ेकई प्रयोग हुए हैं। अलबत्ता, यहां सेफ्टी के साथ विशेष रूप से बनाए गए रैक का इस्तेमाल किया जाता है। चीन के स्पेस स्टेशन में आग पर शोध के लिए रैक बनाए गए हैं।