भारत एक ऐसा देश है जहां हर धर्म का अपना ही एक अलग स्थान है। यहां खूबसूरत मंदिरों के साथ सदियों पुराना इतिहास भी देखने को मिल जाएगा। 

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो महापुरूष या नेता अभिनेत्रियों को देवी देवताओं जैसा सम्मान देते हैं। तो इन्हीं महान लोगों को सम्मान देने के लिए कोटा में एक अनूठा मंदिर स्थापित होने जा रहा है। 

ये मंदिर कर्मयोगी सेवा संस्थान के द्वारा बनवाया जा रहा है। इस मंदिर में धर्म, कला, संस्कृति और साहित्य का संगम देखने को मिलेगा। जहां एक ओर देश के महापुरुषों का मंदिर बनवाया जा रहा है।

वहीं कोटा में चंबल के दोनों किनारों पर  चंबल रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है, जो देश और दुनिया में अपनी अलग ही मिसाल पेश करेगा। इस मंदिर में कुल 48 महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी।

पहले चरण में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, स्वामी विवेकानंद, सरदार वल्लभभाई पटेल, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

वहीं दूसरे चरण में, महाराणा प्रताप, शिवाजी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराजा रणजीत सिंह, खेत सिंह खंगार, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा।

इस मंदिर एक खास ये भी है कि, तमाम खेल व कला साहित्य के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले लोगों के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल की प्रतिमांए भी स्थापित होंगी।

कर्मयोगी का कहना है कि, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस की मूर्तियों के बीच 7 फीट ऊंची व 5 फीट चौड़ी भारत माता की मूर्ति उकेरी जाएगी। भी 56 फीट ऊंचाई पर तीन मूर्तियां स्थापित की गई हैं।