Chandrayaan-3: इसरो ने किया खुलासा, विक्रम लैंडर ने चांद की धरती पर कदम रखते ही उत्पन्न किया था ‘इजेक्ट हेलो’

Chandrayaan-3 Update: इसरो ने 27 अक्टूबर यानी शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग के बाद वहां एक इजेक्ट हेलो बन गया था। यहां जानिए ये इजेक्ट हेलो क्या है।

Chandrayaan 3 2 | Sach Bedhadak

Chandrayan 3: भारत ने अगस्त में चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया था। लेकिन चंद्रयान 3 की लैंडिंग के दिन ही दक्षिणी ध्रुव पर एक घटना हुई थी। दरअसल, विक्रम लैंडर के लैंड करते ही चंद्रमा की सतह पर इतनी लूनर मिट्‌टी उड़ी थी कि उसने चांद पर एक ही इजेक्ट हेलो तैयार कर दिया। ये इजेक्ट हेलो क्या होता है हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। इसरो ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा, ‘चंद्रयान 3 ने 23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करते ही चांद की सतह पर एक इजेक्ट हेलो बना दिया।’ वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि विक्रम विक्रम लैंडर के लैंड करते ही लगभग 2.06 टन लूनर मिट्‌टी चांद पर फैल गई।

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क्या है इजेक्ट हेलो और क्या है एपिरेगोलिथ?

वैसे तो इसरो ने ट्वीट कर चांद की धरती पर चंद्रयान 3 के लैंडर द्वारा बनाए गए इस इजेक्ट हेलो के बारे में जानकारी दी है, लेकन आपके मन में सवाल उठ रहा कि आखिरकार ये इजेक्ट हेलो होता क्या है? या एपिरगोलिथ भी क्या चीज है? तो हम आपको सिंपल भाषा में समझाते हैं।

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दरअसल, चंद्रयान 3 के लैंडर ने जब चांद की धरती पर लैंडिंग की प्रकिया शुरू की थी तो इसके सतह के करीब आते ही वहां मौजूद मिट्‌टी आसमान में उड़ने लगी थी। चांद की सतह से उड़ने वाली इसी मिट्‌टी और उसमे मौजूद चीजों को साइंटिफिक भाषा में एपिरेगोलिथ कहते हैं। चांद की धरती पर मिट्‌टी टेलकम पाउडर से भी अधिक पतली है जो चंद्रयान 3 के लैंडर में लगे रॉकेट बूस्टर के चांद के सतह पर लैंडिंग के समय अपोजिट डायरेक्शन में फायर करते ही उड़ने लगी थी।