जानें क्या है डेटा प्रोटेक्शन बिल? क्यों लोकसभा से हुआ वापस, क्या इंटरनेट यूजर्स के निजी डेटा में लग रही है सेंध!

बीते बुधवार केंद्र सरकार ने लोकसभा से बहुचर्चित डेटा प्रोटेक्शन बिल ( Data Protection Bill ) वापस ले लिया। केंद्र का कहना है कि इसे…

data 2 | Sach Bedhadak

बीते बुधवार केंद्र सरकार ने लोकसभा से बहुचर्चित डेटा प्रोटेक्शन बिल ( Data Protection Bill ) वापस ले लिया। केंद्र का कहना है कि इसे JPC यानी संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है, इसमें संशोधन कर इसे दोबारा संसद में पेश किया जाएगा। समिति ने इस बिल में 81 संसोधनों के सुझाव दिए हैं।

इसका मतलब है कि इंटरनेट यूजर्स को अपने निजी डेटा ( Private Data ) की सुरक्षा के लिए अभी और इंतजार करना होगा। इन सब के बीच लोगों में चर्चा का विषय ये है कि क्या इस बिल के आने तक उनकी निजी सूचना इंटरनेट पर सुरक्षित हैैं या नहीं, क्या अभी उसका कोई गलत इस्तेमाल हो सकता है या हो रहा है? तो आपको यहां हम डाटा प्रोटेक्शन बिल के बारे में पूरी जानकारी देंगे साथ ही ये भी बताएंगे कि इस दौर में आप अपने डेटा को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

क्या है डे़टा प्रोटेक्शन बिल

देश के इंटरनेट यूजर्स को उनकी निजी सूचना और डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने केे लिए इस बिल का प्रस्ताव पेश किया गया था । इस बिल को 11 दिसंबर 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था। इस बिल का उद्देश्य देश के नागरिकों की निजी जानकारियों और उनके उपयोग को एक सुरक्षा प्रदान करना है। इस बिल के आने से तमाम सोशल मीडिया कंपनियों जैसे फेसबुक ( Facebook ) और ट्विटर ( Twitter ) को भी इस कानून के दायरे में आना होगा। पिछले 2-3 सालों में इन सोशल मीडिया कंपनियों के लोगों के डेटा थर्ड पार्टी की कंपनियों को बेचे जाने की खबरों के बाद इस बिल को लागू करना एक सबसे महत्वपूर्ण विषय बन गया है।

फेसबुक पर लगा था कैंब्रिज एनालिटिका को डेटा बेचने का आरोप

साल 2018 में कैंब्रिज एनालिटिका ( Cambridge Analytica ) पर फेसबुक के करीब 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी का आरोप था। इस खबर के सामने आने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था। फेडरल ट्रेड कमीशन यानी FTC ने इस मामले की जांच की थी। मामले की खुलासा करते हुए एफटीसी ने कहा था कि फेसबुक ने 2011 की सेफगार्ड यूजर्स प्राइवेसी नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इसके लिए माफी भी मांगी थी।

इसके अलावा दिग्गज माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ( Twitter ) पर भी लोगों के डेटा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लग चुका है। जब-तब भारत सरकार और ट्विटर के बीच देश के नागरिकों की प्राइवेसी को लेकर बहस होती रहती है। ऐसे में इस कानून का लागू होना आज के दौर के लिए बेहद जरूरी हो गया है। एक डाटा के अनुसार देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या इंटरनेट यूजर है। वहीं दुनिया में हमारा देश इंटरनेट सेवा का उपयोग करने के मामले में सबसे पहले नंबर पर आता है। ऐसे में इती बड़ी जनसंख्या के डेटा को सुरक्षित रखना भी एक कड़ी चुनौती है। जिस पर केंद्र लगातार काम भी कर रहा है।

बिल आने तक कैसे करें अपने डेटा की सुरक्षा

यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जिससे आप अपनी निजी जानकारियों को पब्लिक होने से बचा सकते हैं।

अपने पीसी को नियमित रूप से अपडेट करते रहें

अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन को एंटीवायरस के साथ ही एंटीमॉलवेयर की सुरक्षा दें

पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचे

दूसरी साइट्स पर विजिट करने के लिए गूगल या फेसबुक से लॉग इन न करें

अपने सभी पासवर्ड को किसी के साथ शेयर न करें औऱ इसे नियमित रूप से बदलते रहें

अपरिचित सेंडर्स से आए ईमेल को न खोलें

किसी साइट को बंद करने से पहले उससे लॉग आउट जरूर करें

अपनी निजी जानकारियां जैसे फोटो, वीडियोज, डटक्यूमेंट्स को किसी के साथ साझा न करें

अगर हो सके तो अपने सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति को फॉलो करने के साथ ही फॉलोइंग में शामिल करने से भी खुद को बचाएं

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