ट्रैप की कार्रवाई फिर फेल…2 हेडकांस्टेबल रंगे हाथों पकड़े जाने से बचे, आखिर कैसे लीक हो रही सूचना?

एसीबी के जाल बिछाने के बाद आरोपियों को भनक लगने पर घूस की राशि लेने से इनकार करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। 

acb | Sach Bedhadak

Head Constable Bribery Case : जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के ट्रैप की कार्रवाइयां अब फेल होने लगी है। एसीबी के जाल बिछाने के बाद आरोपियों को भनक लगने पर घूस की राशि लेने से इनकार करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। 

अब दो हेडकांस्टेबलों को एसीबी के अधिकारी घूस लेने के आरोप में रंगे हाथों ट्रैप करने वाले थे, लेकिन भनक लगने पर आरोपी हेडकांस्टेबलों ने घूस लेने से ही इनकार कर दिया। 

हालांकि एसीबी सत्यापन रिकॉर्डिंग के आधार पर हेडकांस्टेबलों, दौसा में तैनात विजय मीणा व हरि सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अब सवाल यह है कि आखिर ट्रैप की कार्रवाई की सूचना कहां से लीक हो रही है?

जमीनी विवाद के केस से नाम हटाने को मांगी घूस

पड़ताल में सामने आया कि दौसा निवासी धर्मसिंह व उसके परिवार के खिलाफ लालसोट थाने में एक एफआईआर दर्ज थी। जांच हेडकांस्टेबल विजय मीणा के पास थी। परिवादी ने जब विजय मीणा से संपर्क किया तो उसने नाम निकालने की एवज में 15 हजार रुपए मांगे। परिवादी फिर से थाने पर गया तो वहां पर हेडकांस्टेबल हरि सिंह मिला। हरि सिंह ने भी 10 हजार रुपए की डिमांड की, जबकि जांच विजय मीणा के पास थी। 

परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन कराया। रिकॉर्डिंग में विजय मीणा व हरि सिंह द्वारा घूस मांगी। हरि सिंह ने बाद में सौदा 8 आठ हजार रुपए में तय किया। एसीबी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया तो ऐनवक्त पर दोनों आरोपियों ने परिवादी से घूस लेने से इंकार कर दिया। अब एसीबी ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

इनको होती है जानकारी 

दरअसल, ट्रैप की कार्रवाई की जानकारी परिवादी, एसीबी डीजी, इसे अंजाम देने वाले अफसर व उसकी टीम को ही होती है। ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले पिछले दो माह में एसीबी की दो बड़ी ट्रैप की कार्रवाइयां फेल हो चुकी हैं। सांभर डिप्टी एसपी व सीकर एसडीएम दोनों अफसरों के रीडर ने अलग-अलग काम के एवज में घूस मांगी थी। 

इस मामले में आरोपियों ने एसीबी के सत्यापन के बाद घूस लेने से ऐन वक्त पर इनकार कर दिया था। आरोपियों ने डिप्टी एसपी व एसडीएम के नाम से घूस मांगी थी, लेकिन दोनों अधिकारियों पर कोई आंच नहीं आई और एसीबी ने रीडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके खानापूर्ति कर ली।

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