रिश्तों पर भारी सियासत! राजस्थान में 2 सीटों पर पति-पत्नी और जीजा-साली के बीच दिखेगा रोचक मुकाबला

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसके लिए कांग्रेस अब तक 179 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। वहीं, बीजेपी भी 184 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतार चुकी है।

Rita Singh, Virendra Singh

Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसके लिए कांग्रेस अब तक 179 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। वहीं, बीजेपी भी 184 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतार चुकी है। ऐसे में 165 विधानसभा सीटों स्थिति साफ हो चुकी है कि भाजपा-कांग्रेस का कौन-कौन प्रत्याशी आमने-सामने होगा। लेकिन, राजस्थान में 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां पर पति-पत्नी और जीजा-साली के बीच रोचक मुकाबला दिखेगा।

दांतारामगढ़ सीट पर जेजेपी डॉ. रीटा सिंह और कांग्रेस ने मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दोनों रिश्तों में पति-पत्नी है। वहीं, धौलपुर में कांग्रेस ने शोभरानी कुशवाह और बीजेपी ने डॉ. शिवचरण कुशवाह को चुनावी रण में उतारा है। दोनों रिश्ते में जीजा-साली है। ऐसे में यह तो साफ है कि रिश्तों पर सियासत भी भारी पड़ रही है।

दांतारामगढ़ में पति-पत्नी के बीच मुकाबला

सीकर जिले की दांतारामगढ़ सीट से जननायक जनता पार्टी ने जेजेपी महिला प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रीटा सिंह को और कांग्रेस ने मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। यह वही सीट है जहां से पूर्व सीएम व उपराष्ट्रपति रहे बीजेपी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, राजस्थान के चुनावी इतिहास में पहली बार यहां पति-पत्नी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

जानें-कैसा रहा दोनों का राजनीतिक सफर?

डॉ. रीटा सिंह के पति वर्तमान में दांतारामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक है और वो भी इस सीट से कांग्रेस पार्टी से एक बार फिर टिकट मांग रहे है। विधायक वीरेंद्र सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरते है तो पति पत्नी चुनाव में आमने-सामने होंगे। वीरेंद सिंह वर्तमान में यहां से विधायक हैं। वो कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व पीसीसी चीफ नारायण सिंह के बेटे हैं। पिछली चुनाव में उन्होंने बेटे वीरेंद्र सिंह को टिकट दिलाया था। इसके बाद वीरेंद्र सिंह विधायक बने, वो प्रधान भी रह चुके हैं।

वहीं, राजनीतिक घराने में शादी होने के कारण रीटा सिंह भी राजनीति में सक्रिय रही। कांग्रेस के टिकट पर रीटा सिंह सीकर की जिला प्रमुख रह चुकी हैं। रीटा सिंह ने साल 1995 में पहली बार दांतारामगढ़ पंचायत समिति सदस्‍य का चुनाव जीता था। फिर प्रधान का चुनाव दो वोटों से हार गईं। साल 2010 में सीकर जिला परिषद सदस्‍य का चुनाव लड़ा और 2015 तक सीकर की जिला प्रमुख रहीं। साल 2014 में सचिन पायलट के पीसीसी चीफ रहते रीटा सिंह ने कांग्रेस प्रदेश सचिव का पद संभाला। अभी वर्तमान में रीटा सिंह को जेजेपी राजस्‍थान में महिला मोर्चा अध्‍यक्ष पद पर है।

धौलपुर में जीजा-साली फिर आमने-सामने

Shobharani Kushwaha Dr. Shivcharan Kushwaha | Sach Bedhadak

इधर, धौलपुर में जीजा-साली के बीच मुकाबला होगा। धौलपुर में कांग्रेस ने शोभरानी कुशवाह को और बीजेपी ने डॉ. शिवचरण कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार भी दोनों के बीच मुकाबला हुआ था। जिसमें साली अपने जीजा पर भारी पड़ी थी। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही शोभारानी कुशवाहा ने 67 हजार 349 वोट हासिल किए थे तो कांग्रेस प्रत्याशी रहे डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा को 47 हजार 989 वोट मिले थे, जिसके चलते शोभारानी कुशवाहा ने 19 हजार 360 वोटों से चुनाव जीत लिया था। लेकिन, इस बार हालात उलट है। शोभरानी कुशवाह कांग्रेस के टिकट पर तो शिवचरण कुशवाह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लडेंगे। ऐसे में इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

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