राजस्थान में बदला मौसम का मिजाज, ठंडी हवाओं ने दिखाया असर…दो दिन 16 जिलों में बारिश की संभावना

जयपुर। राजस्थान में गर्मी की आहट के बीच वापस सर्द हवाओं का दौर शुरू हो गया। मौसम परिवर्तन के चलते प्रदेश के लगभग सभी जिलों…

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जयपुर। राजस्थान में गर्मी की आहट के बीच वापस सर्द हवाओं का दौर शुरू हो गया। मौसम परिवर्तन के चलते प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तापमान की उठापटक जारी है। पिछले 24 घंटेमें प्रदेश का मौसम ड्राई रहा। इसकी वजह से रात के तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले 1-2 दिन में प्रदेश में एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव होने के चलते बारिश का दौर शुरू हो सकता है।

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार व मंगलवार को इस वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की सक्रियता के चलते प्रदेश के 16 जिलों में बादलों की आवाजाही के साथ बारिश हो सकती है। दूसरा वेस्टर्नडिस्टर्बेंस 1 और 2 मार्च को एक्टिव होगा। इसमें बारिश के साथ तफान और ओले गिरने की भी संभावना है। रविवार को प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार जो पहला वेदर सिस्टम एक्टिव हो रहा है, इससे प्रदेश में बादलों की आवाजाही के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि यह वेदर सिस्टम ज्यादा ताकतवर नहीं होगा पर इस दौरान सर्द हवा का असर परेशान कर सकता है।

कई जिलों में बढ़ा न्यूनतम तापमान

पिछले 24 घंटे में हनुमानगढ़ में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री बढ़कर 7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। करौली में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। अजमेर में न्यूनतम तापमान 14.5, बाड़मेर में 12.5, बीकानेर में 12.4, चूरू में 10.6, जयपुर में 14.8, जोधपुर में 13.3, कोटा में 13, श्रीगंगानगर में 8.9, उदयपुर में 9 और माउंट आबू में 7.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि जैसलमेर के न्यूनतम तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की कमी आई। इसके बाद यहां का न्यूनतम तापमान लुढ़क कर 9.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि तापमान बढ़ने के बावजूद रात में सर्द हवाएं महसूस की जा रही हैं।

मौसम बदलने से घर-घर में बीमार

मौसम में परिवर्तन के चलते मौसमी बीमारियों का दौर भी प्रदेश के लोगों को परेशान कर रहा है। बुखार, खांसी, जुकाम व बदन दर्द के चलते लोग खासे परेशान हैं। साथ ही एक बार सही होने के बाद वापस लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते अस्पतालों व क्लीनिक्स में भी मरीजों की कतारें देखी जा सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि एक बार मौसम कुछ स्टेबल होने के बाद बीमारी में राहत मिलेगी।