प्रदेशभर में डेंगू का प्रकोप, जयपुर बना हॉटस्पॉट, जानें बचाव के उपाय

राजस्थान में डेंगू लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है। लगातार प्रदेश में बढते मामलों के बीच अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। डेंगू के मरीजों की संख्या में दोगुना के लगभग वृद्धि देखने को मिली है।

sb 1 21 | Sach Bedhadak

जयपुर। राजस्थान में डेंगू लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है। लगातार प्रदेश में बढते मामलों के बीच अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। डेंगू के मरीजों की संख्या में दोगुना के लगभग वृद्धि देखने को मिली है। अभी फिलहाल अस्पतालों में डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के ज्यादा मामले आ रहे है। अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम सतर्क

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के प्रदेश में बढते मरीजों की संख्या को देखकर राज्य के सभी जिलों में एएनएम और आशा की टीमों को घर-घर जाकर सर्वे करने के लिए कहा हैं। इसी के साथ जिन लोगों में डेंगू-मलेरिया के लक्षण दिख रहे हैं। उन्हें तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जा रही है।

चिकित्सा विभाग के आकड़े

चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेशभर में इस सीजन में अब तक डेंगू के 2268 मामले, मलेरिया के 1056 मरीज और चिकनगुनिया के 99 मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में 20 दिन पहले यानी 4 अगस्त की रिपोर्ट देखें तो डेंगू के मामलों की संख्या केवल 1090 थी, जोकि अब बढ़कर 2268 से ज्यादा हो गई है।

क्या है लक्षण

विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, चेहरे या शरीर पर लालिमा जैसे लक्षण दिखाई दें तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डेंगू होने की स्थिति में इसके लिए आईजीएम और आईजीजी जांच करवानी चाहिए। इससे पता चल सके कि व्यक्ति को डेंगू है या नहीं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर किसी मरीज को डेंगू है। अगर वह घर पर इलाज ले रहा है तो उसे दिन में कम से कम एक बार कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) की जांच करानी चाहिए। इससे मरीज के खून में मौजूद प्लेटलेट्स की गिनती पर नजर रखी जा सकेगी।

जयपुर बना हॉटस्पॉट

राजस्थान में अगर जिलों की स्थिति पर नजर डाले तो जयपुर में सबसे ज्यादा 486 से ज्यादा मरीज डेंगू मिले हैं। जबकि जालोर में सबसे कम 1 केस सामने आया है। इसी प्रकार, मलेरिया के सर्वाधिक 681 मामले बाड़मेर में पाए गए हैं, जबकि सवाई माधोपुर, धौलपुर, बूंदी में मलेरिया का एक भी मामला नहीं मिला है।

चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा 40 मरीज जयपुर में मिले हैं। इन दिनों डेंगू के मरीज अचानक बढ़ने से जयपुर के सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में खून और खासकर प्लेटलेट्स की कमी हो गई है। जयपुर में दो और टोंक-झुंझुनूं में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

मच्छर जनित बीमारियों से बचने के उपाय

  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए सभी तरीके अपनाएं।
  • पूरी बांह के कपड़े पहनें।
  • रात को सोते समय खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली कॉइल से बचें।

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