IT ने डाली रेड तो बजरी ठेकेदार के घरवालों ने फ्लश में फेंकी पेन ड्राइव…150 करोड़ की काली कमाई उजागर

बजरी के बड़े ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रैक्टर और उनके सहयोगियों के यहां शुक्रवार को शुरू हुई आयकर छापेमारी व सर्वे रविवार को पूरी हो गई।

Income Tax Department

Nilesh Gadhiya : जयपुर। बजरी के बड़े ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रैक्टर और उनके सहयोगियों के यहां शुक्रवार को शुरू हुई आयकर छापेमारी व सर्वे रविवार को पूरी हो गई। विभाग ने 5 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि इस कार्रवाई में करीब 150 करोड़ की काली कमाई का खुलासा हुआ है। कार्रवाई में एक करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई है, जबकि एक लॉकर से एक किलो 300 ग्राम वजन की सोने की ज्वैलरी को जब्त भी किया गया। कार्रवाई में अधिकारियों ने सात लॉकर्स की पहचान की है, जिसमें से चार लॉकर्स को फ्रीज किया गया। दो लॉकर्स को सोमवार को खोला जाएगा।

कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों ने कई डिजिटल उपकरण भी बरामद किए हैं, जिनमें करीब 130 करोड़ रुपए के लेनदेन की सूचनाएं दर्ज हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जिनमें नकद में किए गए लेनदेन, जमीनों की खरीद फरोख्त का कच्चा-पक्का हिसाब, दिए गए ऋण से संबंधित प्रविष्ठियां, अन्य काम-धंधों में किए गए निवेश का विवरण, बोगस रूप से माल की खरीद फरोख्त और खर्च में किए गए समायोजन की जानकारियों का उल्लेख है।

पेन ड्राइव को फेंका फ्लश में

सूत्रों का कहना है कि रविवार को कार्रवाई के दौरान नीलेश घनश्यामभाई गढ़िया के परिजनों ने आयकर अधिकारियों की नजर बचा कर एक पेन ड्राइव को फ्लश में फेंक कर सबूत मिटाने का प्रयास भी किया, लेकिन आयकर अधिकारियों की सर्तकता के कारण यह प्रयास विफल कर दिया गया। जैसे ही पेन ड्राइव को फ्लश में फेंकी गई अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए इसे निकलवाया और इसमें दर्ज करोड़ों रुपए के बेनामी लेनदेन के विवरण को रिकवर किया। इस विवरण की अलग से विस्तृत जांच की जाएगी। इसी तरह नीलेश घनश्यामभाई गढ़िया के सहयोगी इंजीनियर्स एण्ड इंजीनियर्सप्राइवेट लिमिटेड के यहां भी आयकर कार्रवाई से बचने के लिए कुछ डेटा को समाप्त किया गया, लेकिन आईटी विशेषज्ञों की सहायता से इसका विवरण भी वापस जुटा लिया।

इनके यहां पड़े छापे

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने बजरी के एक बड़े ठेकेदार व सिविल कॉन्ट्रैक्टर नीलेश घनश्यामभाई गढ़िया, अश्विन घनश्यामभाई गढ़िया, हीतेश घनश्यामभाई गढ़िया, इंजीनियर्स एण्ड इंजीनियर्सप्रा. लि. के निदेशक संजीव जैन, शशिपाल कुमावत, हरीराम गोदारा, इनके रिश्तेदारों व कारोबारी सहयोगियों के यहां कार्रवाई की।

नीलेश घनश्यामभाई गढ़िया और इनके सहयोगी बजरी कारोबार के अलावा सिविल कंस्ट्रक्शन के कारोबार में भी सक्रिय हैं। यह लोग राज्य सरकार की विभिन्न निर्माण योजनाओं के लिए टर्न-की प्रोजेक्ट के आधार पर कार्य करते रहे हैं। इनमें से राजस्थान विधानसभा के सामने बने कांस्टिट्यूशन क्लब, विधायक निवास के अलावा राजस्थान आवासन मण्डल की कुछ परियोजनाओं का कार्य पूरा भी हो चुका है, जबकि कुछ परियोजनाएं निर्माणाधीन है।

प्रवर्तन निदेशालय की भी नजर

चर्चा है कि पेपरलीक प्रकरण, जल शक्ति मिशन योजना में भ्रष्टाचार आदि की जांच को लेकर राज्य में सक्रिय प्रवर्तन निदेशालय भी अब बजरी के एक बड़े ठे के दार व सिविल कॉन्ट्रैक्टर नीलेश घनश्यामभाई गढ़िया और उनके परिजनों व सहयोगियों को राज्य सरकार की विभिन्न निर्माण योजनाओं के लिए टर्न-की प्रोजेक्ट के आधार पर कार्य आदेशों और इसमें हुए भ्रष्टाचार पर नजर रखें है।

चर्चा यह भी है कि गढिया और उनके सहयोगियों को राजस्थान विधानसभा के सामने बने कांस्टिट्यूशन क्लब, विधायक निवास के अलावा राजस्थान आवासन मण्डल की कुछ परियोजनाओं के कार्य आवंटन को लेकर की गई शिकायतों की जानकारी ईडी अधिकारियों को भेजी जा रही है, जिससे मामले की जांच हो सके।

बताया जाता है कि टर्न-की प्रोजेक्ट्स के नाम पर इन लोगों ने अधिकारियों से मिली भगत और अपने प्रभाव का उपयोग कर सरकार से काफी अधिक मूल्यों पर कॉन्ट्रेक्ट प्राप्त किए और मोटा मुनाफा कमाया व कई स्तर पर अधिकारियों को कमीशन की बंदरबाट की।

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