‘BJP आई तो हमारी योजनाएं ना हो बंद’ गहलोत बोले- राजस्थान में ये गारंटी जरूर दे PM…तभी मांगे वोट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज्वैलर्स, रत्न विक्रेता, ज्योतिषियों और कारीगरों से संवाद के साथ मिशन 2030 के तहत सभा-संवाद और देव दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है।

CM Gehlot

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ज्वैलर्स, रत्न विक्रेता, ज्योतिषियों और कारीगरों से संवाद के साथ मिशन 2030 के तहत सभा-संवाद और देव दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। सीएम गहलोत दो चरणों में 9 दिन तक 18 जिलों का दौरा कर राजस्थान को मॉडल राज्य बनाने के लिए प्रदेशवासियों से सुझाव मांगेंगे। सीएम गहलोत ने बुधवार दोपहर जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सीएम अशोक गहलोत ने ज्वैलर्स, रत्न विक्रेता, ज्योतिषियों और कारीगरों से सीधी बात की। इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और गहलोत सरकार की योजनाओं का बखान किया।

बिड़ला ऑडिटोरियम में संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि आजकल पीएम मोदी गारंटी देने में लगे हुए हैं। लेकिन, मेरा उनसे अनुरोध है कि आप अगली बार राजस्थान आए तो एक गारंटी जरूर देना। अगर राजस्थान में बीजेपी सत्ता में आएगी तो गहलोत सरकार की बनाई कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी। जो कानून बने है, वो रहेंगे और ओपीएस भी रहेगा। हमने 25 लाख रुपए का बीमा किया है, आप केंद्र में क्यों लागू नहीं करते हो। केंद्र की जिम्मेदारी हमसे बड़ी होती है। हमने ओपीएस लागू किया है, ये क्यों नही कर रहे है।

देशभर में ओपीएस लागू करने की मांग

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि आप लोगों ने ओपीएस को लेकर मजाक बना रखा है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में ओपीएस, बीएसएफ और पैरामिलिट्री फोर्स में एनपीएस है। हाईकोर्ट के ज्यूडिशियल कमीशन ने कह दिया कि हम एनपीएस को लागू नही करेंगे और ओपीएस ही रखेंगे। हमने राजस्थान में सभी को समान कर दिया है। सभी कह रहे है कि एनपीएस गलत है। मोदीजी को यहां आकर कहना चाहिए कि सरकार आएगी तो राजस्थान में ओपीएस रहेगी और जो भी कानून बने हैं वो रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया मार्केटिंग का उस्ताद

सीएम गहलोत ने कहा कि वो राजस्थान आते है और लच्छेदार बातें करके चले जाते है। सभी जानते है कि वो मार्केटिंग के उस्ताद है। पीएम मोदी देश के अंदर मार्केटिंग के गुरु है। उनकी भाषा, उनकी शैली और उनके बोलने का तरीका आप सभी जानते हो कि क्या है? कृपा करो हमारे ऊपर हमारी योजनाएं जो चल रही है, पहले उन्हें केंद्र के अंदर लागू करो और फिर आप यहां आईये…आपका स्वागत है। यहां आकर कहिये कि वो तमाम फैसले जो गहलोत सरकार ने राजस्थान के अंदर लागू कर दिए है, वो हमने भी केंद्र के अंदर लागू कर दिए है और राजस्थानवासियों को विश्वास दिलाओ की कांग्रेस सरकार की किसी भी योजना को राजस्थान में बंद नहीं किया जाएगा और फिर उसके बाद यहां आकर वोट मांगो।

देशभर में राइट टू सोशल सिक्युरिटी हो लागू

उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक करोड़ लोगों को एक हजार रुपए सोशल सिक्युरिटी दे रहे है। मैंने पीएम मोदी से मांग की है कि देशभर में राइट टू सोशल सिक्युरिटी लागू होनी चाहिए। ताकि बुजुर्गों और बेसहारा लोगों का केंद्र सरकार ध्यान रख सकें। चाहे केंद्र सरकार 6 हजार रुपए दें या फिर 10 हजार रुपए दें। ऐसा अधिकारी देशवासियों को मिलना चाहिए।

ईआरसीपी को लेकर भी केंद्र पर बोला हमला

सीएम गहलोत ने कहा कि चुनाव आ रहे है, जनता माई-बाप होती है। आप सभी जानते हो राजस्थान में सरकार किसकी आएगी। हमे तो लग रहा है कि हमारी सरकार रिपीट होगी। वैसे सरकार रिपीट से नुकसान क्या है। हम ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रहे है। लेकिन, वो मान नहीं रहे है। देश के अंदर 16 योजनाएं है। क्या एक योजना राजस्थान में लागू नहीं किया जा सकता। जबकि जल संसाधन मंत्री राजस्थान से है और पीएम मोदी भी यहां ईआरसीपी का वादा करके गए थे। लेकिन, इन लोगों की जिद है कि इस योजना को हम चालू नहीं होने देंगे। लेकिन, मेरी जिद है कि ईआरसीपी को हम बनाकर रहेंगे।

राजस्थान की योजनाओं की देश-दुनिया में चर्चा

सीएम गहलोत ने कहा कि आज हर क्षेत्र में राजस्थान ने प्रगति की है और प्रगति की कोई सीमा नहीं होती है। आजादी के बाद पहली बार राजस्थान की देश-दुनिया में चर्चा हो रही है। कोरोना काल में भी हमारी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और डब्ल्यूएचओ को भी हमारे भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ करनी पड़ी। शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान आगे बढ़ रहा है। हम राइट टू हेल्थ लेकर आए। राजस्थान के अलावा किसी भी राज्य में 25 लाख रुपए का बीमा नहीं मिलता है। हमनें कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दी है। ऐसे कई कानून है जो पूरे देश में लागू होने चाहिए। हर जिले में एक-एक मेडिकल कॉलेज बनाया गया है। हमनें एक साथ सबसे ज्यादा जिले बनाए है। लंबी रोग पर गहलोत सरकार ने पशुपालकों को 40 हजार रुपए का मुआवजा दिया है। सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है कि लंबी से मरने वाले पशुओं के लिए पशुपालकों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। लेकिन, राजस्थान के अलावा किसी राज्य ने इस ओर पहल नहीं की है।

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