राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों पर हैरतअंगेज खुलासा, 50 फीसदी से अधिक मामले जांच में पाए गए झूठ

प्रदेश के थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की पड़ताल में सामने आया कि अधिकतर दुष्कर्म के मुकदमे रंजिश, जमीनी या लेनदेन के विवाद अथवा ब्लैकमेल करने के लिए दर्ज कराए जा रहे हैं।

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(ओमप्रकाश शर्मा) : जयपुर। पिछले कुछ बरसों में दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर अक्सर प्रदेश चर्चा में रहा है। विरोधी दल राजस्थान को रेपिस्तान तक कहने लगे। जबकि प्रदेश के थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की पड़ताल में सामने आया कि अधिकतर दुष्कर्म के मुकदमे रंजिश, जमीनी या लेनदेन के विवाद अथवा ब्लैकमेल करने के लिए दर्ज कराए जा रहे हैं। मेवात इलाके में तो हालात यह है कि दुष्कर्म के मुकदमे भी क्राॅस में दोनों पार्टियों की तरफ से कराए जाते हैं। सच बेधड़क द्वारा की गई पड़ताल में ये चाैंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 

प्रदेश में कुल 4400 बालिग युवती व महिलाओ और 1514 नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई है। पुलिस ने जांच में बालिगों की 54.68 फीसदी और नाबालिगों के साथ हुई 22.39 फीसदी घटनाओं को झूठा माना है। ऐसे मामलों में पुलिस ने एफआर लगा दी है। प्रतापगढ़ व दूदू में सबसे ज्यादा झूठे मामले दर्ज हुए। दूदू में तो सभी मामले पुलिस ने झूठे माने हैं।

इन जिलों में सबसे ज्यादा घटनाएं पाई गईं झूठी

पड़ताल में सामने आया कि दूदूू जिले में 100% प्रतापगढ़ में 70.83%, करौली में 67.27%, धौलपुर में 73.08%, भरतपुर में 64.91%, गंगानगर में 67.78 और जयपुर दक्षिण में 66% रेप केस झूठे पाए गए हैं, जबकि बालिकाओं के मामलों में सबसे ज्यादा जांच में भरतपुर में 52.38%, डीग में 50%, डीडवाना-कुचामन में 45%, शाहपुरा में 42.86% और धौलपुर में 37.50% मामले झूठे पाए गए हैं। 

इन जिलों में सबसे कम झूठे मामले

रेप के सबसे कम झूठे केस बारां, कोटा ग्रामीण, सांचोर, जालोर, फलौदी व नागौर जिले में दर्ज होते हैं। वहीं, बालिकाओं के मामलों में जयपुर पश्चिम, जालोर व सलूंबर जिले में एक भी मामला झूठा नहीं पाया गया। टोंक, जोधपुर पूर्व, पाली, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा व डूंगरपुर में 10% से कम जांच में झूठे पाए गए हैं।