Jaipur : महिला को जिंदा जलाने की वारदात के बाद भी सो रही पुलिस…अब तक नहीं हुई कोई गिरफ्तारी

Jaipur : राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ के रायसर गांव में दलित शिक्षिका को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ…

mahila 3 | Sach Bedhadak

Jaipur : राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ के रायसर गांव में दलित शिक्षिका को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दोदिन बाद भी इस घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। इस मामले में अब विपक्ष भी इसमें कूद पड़ा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “जमवारामगढ़ के रायसर गांव में घटित हुई, एक दलित महिला शिक्षिका के साथ में यह समाज के लिए आंख खोलने वाली घटना है, पुलिस यदि तत्पर होती, प्रशासन यदि तत्पर होता, यदि उसकी सुनवाई होती तो यह घटना नहीं होती।”

इस मामले में जयपुर ग्रामीण ACP धर्मेंद्र यादव ने कहा कि “फिलहाल इस मामले में अनुसंधान जारी है। किसी भी तरह की गिरफ्तारी नहीं की गई है। मृतका के बयानों के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। घटना दस अगस्त की है और मामला 12 अगस्त को दर्ज किया गया है।”

‘जली या जलाई, जांच का विषय’

जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा ने भी सुलह की मध्यस्था की थी। विधायक मीणा ने बताया कि करीब चार महीने पहले दोनों पक्ष को समझा कर समझौत करवा दिया था, लेकिन इस बाद उनके पास कोई नहीं आया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि महिला जली या जला दी गई।

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घटना 10 अगस्त की…16 अगस्त को वीडियो हुआ वायरल

शिक्षिका को सरेआम जिंदा जलाने की यह वारदात 10 अगस्त की थी। लेकिन इसका वीडियो 16 अगस्त की रात को जारी किया गया था और यह वीडियो भी घटनास्थल पर मौजूद एक चश्मदीद ने बनाया था। दबंगों के डर की वजह से उसने यह वीडियो नहीं जारी किया था। लेकिन 16 अगस्त को जब शिक्षिका की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था। जिसके बाद कुछ ही घंटों में यह वीडियो वायरल हुआ था। हैरानी की बात यह है कि इस वीडियो के वायरल के बाद पुलिस अपनी नींद से जागी थी। जिसके बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर जांच पड़ताल की थी, लेकिन अभी तक पुलिस को न तो आरोपियों का सुराग मिला न ही किसी की गिरफ्तारी हुई।

ये था पूरा मामला

यहां पैसों के लेनदेन के मामले में इस शिक्षिका को 10 अगस्त को जिंदा जला दिया गया। सुबह शिक्षिका अपने 6 साल के बेटे के साथ स्कूल जा रही थी। तभी लगभग 1 दर्जन लोगों ने उसे रास्ते में घेर लिया औऱ अभद्रता औऱ मारपीट करने लगे। उन्होंने महिला को जान से मारने की धमकी दी, डरकर महिला अपने घर से भागकर एक घर में छुप गई, लेकिन बदमाशों ने इस पर घर वालों को धमकी दी कि अगर उन्होंने इस महिला को अपने घर में पनाह दी तो उनका भी बचना मुश्किल हो जाएगा। इस पर उस घर के रहने वालों ने महिला को घर से बाहर कर दिया।

घर के बाहर ही खड़े वहशी दरिंदों ने महिला पर उसके 6 साल के बेटे के सामने पेट्रोल छिड़क दिया और आग लगा दी। आग से जलती हुई महिला तड़प उठी, वह चीख रही थी, मदद के लिए चिल्ला रही थी, इधर उधर भाग रही थी, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। आखिर में जब बदमाश वहां से चले गए तो लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान महिला का मौत हो गई।

मृतक महिला ने इस घटना से पहले 7 अगस्त को मृतका ने पुलिस को बाकायदा शिकायत लिख कर सुरक्षा की गुहार की थी, महिला ने नामजद आरोपियों पर छेड़छाड़ और मारपीट का मामला दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस नहीं चेती। यहां तक कि 10 अगस्त को हुई इस घटना के बाद भी पुलिस एक्शन में नहीं आई।

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