मानवेंद्र सिंह जसोल की BJP में घर वापसी! क्या बदल पाएगी बाड़मेर का चुनावी समीकरण?

Manvendra Jasol Joins BJP : कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह जसोल आज बाड़मेर में भाजपा का कमल थाम सकते हैं।

Manvendra Singh Jasol 1 | Sach Bedhadak

प्रशांत शर्मा, जयपुर। Manvendra Jasol Joins BJP : कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह जसोल (Manvendra Jasol) के BJP में वापसी की अटकलें एक बार फिर शुरू हो गई है, पीएम मोदी की बाड़मेर में होने वाली जनसभा के दौरान जसोल फिर से BJP का दामन थाम सकते है, 5 साल पहले BJP छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह जसोल पार्टी की कद्दावर नेता व पूर्व CM वसुंधरा राजे के खिलाफ झालरापाटन से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन जीत नहीं पाए थे। मानवेन्द्र सिंह के एक बार फिर से बीजेपी में आने से बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

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रविंद्र सिंह भाटी के लिए चुनौती

रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय नामांकन भरने के बाद बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। कांग्रेस से उम्मेदाराम चुनावी मैदान में है तो BJP ने एक बार फिर कैलाश चौधरी पर भरोसा जताया है, त्रिकोणीय मुकाबले में मानवेन्द्र सिंह जसोल का BJP में वापस आना पार्टी के लिए वरदान साबित हो सकता है। राजपूत और जाट वोट बैंक को साधने के लिए मानवेन्द्र सिंह जसोल BJP के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते है। OBC के साथ-साथ युवा और महिलाओं को साधने में जसोल निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

जसोल का सियासी सफर

मानवेन्द्र सिंह एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते है। मानवेन्द्र सिंह के पिता जसवंत सिंह राजस्थान की राजनीति में कद्दावर नेता रहे है। मानवेन्द्र सिंह के सियासी सफर की शुरुआत 1999 में हुई। जसोल ने बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर BJP के टिकट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सोनाराम चौधरी से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2004 में सोनाराम को करारी शिकस्त देते हुए मानवेन्द्र सिंह संसद पहुंचे। 2009 में हरीश चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके।

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2013 में शिव विधानसभा से विधायकी का चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे, लेकिन विधायक रहते हुए 2018 में BJP से नाता तोड़ा और फिर कांग्रेस के टिकट पर वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा। लेकिन यहां उन्हें बड़े अंतर हार का सामना करना पड़ा। 2019 में एक बार फिर बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में कूदे, लेकिन शिकस्त का सामना करना पड़ा। 2023 में जसोल को कांग्रेस ने सिवाना सीट से विधायकी का टिकट दिया पर खासा कमाल नहीं दिखा सके।