जल्द होगी खालिस्तानियों पर ‘स्ट्राइक’! NIA ने तैयार की की लिस्ट, 19 नाम शामिल, देखें

भारत-कनाडा विवाद के बीच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खालिस्तानियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू की पंजाब में अलग-अलग संपत्तियों को जब्त कर लिया है।

ashok gehlot 35 | Sach Bedhadak

NIA Released the List of Khalistanis: भारत-कनाडा विवाद के बीच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खालिस्तानियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए ने भारत में प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू की पंजाब में अलग-अलग स्थानों में स्थित संपत्तियों को जब्त कर लिया है और 19 अन्य भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इन भगोड़ों की सूची तैयार कर ली गई है, जिसमें कुल 19 नामों को शामिल किया गया हैं।

विदेशी धरती से भारत विरोधी प्रोपेगेंडा

एनआईए की इस सूची में शामिल सभी नाम भारत में मोस्ट वांटेड हैं और ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान समेत अन्य देशों में शरण ले चुके हैं। इन सभी भगोड़े खालिस्तानियों की भारत स्थित संपत्तियों को यूएपीए की धारा 33(5) के तहत जब्त किया जाएगा। ये खालिस्तानी आतंकी विदेशी धरती से भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चला रहे हैं।

NIA की सूची में शामिल है 19 नाम

  • परमजीत सिंह पम्मा- ब्रिटेन
  • वाधवा सिंह बब्बर- पाकिस्तान
  • कुलवंत सिंह मुथरा- ब्रिटेन
  • जेएस धालीवाल- अमेरिका
  • सुखपाल सिंह- ब्रिटेन
  • हरप्रीत सिंह उर्फ राणा सिंह- अमेरिका
  • सरबजीत सिंह बेन्नूर- ब्रिटेन
  • कुलवंत सिंह उर्फ कांता- ब्रिटेन
  • हरजाप सिंह उर्फ जप्पी सिंह- अमेरिका
  • रणजीत सिंह नीता- पाकिस्तान
  • गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा बाबा- कनाडा
  • गुरप्रीत सिंह उर्फ बागी- ब्रिटेन
  • जसमीत सिंह हकीमजादा- दुबई
  • गुरजंत सिंह ढिल्लों- ऑस्ट्रेलिया
  • लखबीर सिंह रोडे- कनाडा
  • 16.अमरदीप सिंह पूरेवाल- अमेरिका
  • 17.जतिंदर सिंह ग्रेवाल- कनाडा
  • 18.दुपिंदर जीत- ब्रिटेन
  • 19.एस. हिम्मत सिंह- अमेरिका

देश में लगायार एक्शन

एनआईए ने अमृतसर के खानकोट गांव में गुरुपतवंत सिंह पन्नू की 46 कनाल में कृषि भूमि जब्त कर ली है। बता दें कि खानकोट पन्नू का पैतृक गांव है। चंडीगढ़ के सेक्टर 15सी स्थित घर पर भी एनआईए कार्रवाई की है। इससे पहले 2020 में उसकी संपत्तियां कुर्क की गई थीं। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि सिख रेफरेंडम की आड़ में सिख फॉर जस्टिस संगठन पंजाब में अलगाववाद और उग्रवाद को बढ़ावा दे रहा है।