Smoking करने वाले जल्द कराए ये 5 टेस्ट, गंभीर बीमारी का शिकार होने से बच जाएगें

आज के समय में लोग स्मोकिंग करने को स्टेटस सिंबल के तौर पर मानते है लेकिन सिगरेट का सिंगल कश भी शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है। स्मोकिंग के हम कई गंभीर बीमारियों का दावत दे देते है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि स्मोकिंग जानलेवा भी हो सकती है।

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जयपुर। आज के समय में लोग स्मोकिंग करने को स्टेटस सिंबल के तौर पर मानते है लेकिन सिगरेट का सिंगल कश भी शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है। स्मोकिंग के हम कई गंभीर बीमारियों का दावत दे देते है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि स्मोकिंग जानलेवा भी हो सकती है। अगर आप भी लंबे समय से स्मोकिंग कर रहे है तो आज ही ये पांच टेस्ट करा कर जाने की कहीं आप भी तो नहीं होने वाले किसी गंभीर बीमारी का शिकार…

spirometry | Sach Bedhadak

स्पाइरोमेट्री

स्पाइरोमेट्री (Spirometry) एक मानक परीक्षण है इस परीक्षण में आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। परीक्षण में आपके फेफड़ों से हवा के प्रवाह को मापा जाता है। स्पिरोमेट्री टेस्ट करने के लिए संबधित व्यक्ति को बैठकर एक छोटी मशीन में सांस फूकने को कहा जाता हैं जिसे स्पाइरोमीटर कहते हैं। यह चिकित्सा उपकरण आपके द्वारा अंदर और बाहर सांस लेने और आपकी सांस की गति को रिकॉर्ड करता है।

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चेस्ट एक्स-रे

चेस्ट एक्स-रे करने का मुख्य उद्देश्य फेफड़ों की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। एक्स-रे द्वारा फेफड़ों में इन्फेक्शन या इसके आसपास तरल या वायु जमा होने का पता लगाने के लिए किया जाता है। यही नहीं, इससे फेफड़ों की कोई गंभीर बीमारी जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis ) आदि के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।

CT SCAN | Sach Bedhadak

सी टी स्कैन

सी टी स्कैन के द्वारा फेफड़ों की क्रॉस-सेक्शनल छवियां बनाता है। इस जांच के द्वारा फेफड़ों के कैंसर, एम्फायसेमा या फेफड़ों में रक्त के थक्के का आसानी से पता लगाया जा सकता है। लंबे समय से धूम्रपान करने वालों के लिए, फेफड़ों के कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए सीटी स्कैन एक बढ़िया तकनीक है।

arterial blood gas | Sach Bedhadak

आर्टेरियल ब्लड गैस

आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट का उपयोग खून में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस जांच में खून में पीएच या एसिडिक यानी अम्‍लीय होने का पता आसानी से पता लगाया जा सकता है।

pef test | Sach Bedhadak

पीईएफ टेस्ट

पीईएफ टेस्ट फेफड़ो की वर्तमान स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस जांच में हवा को बलपूर्वक बाहर निकाल सकते हैं। इससे फेफड़ों की बिगड़ती स्थिति को जल्द पहचानने में आसानी होती है। यह फेफड़ों के कार्य में बदलाव के साथ ही अस्थमा या COPD उपचार योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए बेहद जरूरी है।

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