दिखने में काफी सुंदर है बार्बी, लेकिन क्या आप जानते हैं महिलाओं के दिमाग पर पड़ा था इसका बुरा प्रभाव

किसी बच्चे से पूछा जाए कि, उसका पहला खिलौन क्या था। तो उसके जुबान पर एक ही नाम होगा बार्बी डॉल। ये एक ऐसा खिलौना…

BARBIE | Sach Bedhadak

किसी बच्चे से पूछा जाए कि, उसका पहला खिलौन क्या था। तो उसके जुबान पर एक ही नाम होगा बार्बी डॉल। ये एक ऐसा खिलौना था जिसके साथ हर किसी ने अपना बचपन बिताया है। साथ ही बार्बी की दिवानगी आज के समय में भी बच्चों में इस कदर है कि, चाहे स्कूल का बैग हो, टिफिन बॉक्स हो या फिर कमरे का इंटीरियर, सब कुछ बार्बी जैसा करना ही उनकी चाहत होती है। लेकिन क्या सच में बार्बी लोगों के लिए सिर्फ एक खिलौना है? अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं। असल में इसकी एक डार्क साइड भी है। जिसकी तरफ शायद ही लोगों का ध्यान गया हो।

महिलाओं पर पड़ा बार्बी का बुरा असर

एक स्टडी के अनुसार 82% महिलाएं और लड़कियां मानती हैं कि, बार्बी को जिस हिसाब से प्रेजेन्ट किया जाता है वो उनके फिजिकल प्रजेन्स पर सवाल उठाता है। यानी इससे ये दिखाने की कोशिश होती है कि महिलाओं का शरीर थोड़ा अलग ढंग का होगा तो ही वो ज्यादा सुंदर लगेंगी। वहीं कई लड़कियों को ऐसा भी लगता है कि, भले ही वो कितनी ही सुंदर हो लेकिन बार्बी जैसा फिगर होना उनके लिए जरूरी हो जाता है।

क्या है बार्बी का इतिहास

बार्बी डॉल एक फेमस फैशन डॉल है जो मैटल, प्लास्टिक, और हेयर स्ट्रेन से बनती है। इसे रूथ हैंडलर ने 1959 में बनाया था। रूथ हैंडलर ने अपनी बेटी बार्बरा (Barbara) के नाम पर इसे बनाया था। बार्बी डॉल का नाम उनकी बेटी के नाम पर ही रखा गया था। बार्बी डॉल को अपनी पहचान और अनूठे स्टाइल के लिए पहचाना जाता है। इसके बाल, कपड़े, और अनेक विभिन्न विकल्प जैसे विभिन्न फैशन अक्सेसरीज के कारण, बार्बी डॉल एक आकर्षक और लोकप्रिय खिलौना बनी। रूथ हैंडलर ने इस डॉल के विकसित होने के पीछे विचार किया कि यह एक डॉल होने के साथ-साथ एक गुज़रे हुए दौर के फैशन तस्वीर के रूप में भी काम आ सकती है।
बार्बी डॉल को लॉन्च करने के लिए रूथ हैंडलर के पति एलियट (Elliot) और विलियम जेट्ट (William Jett) ने इसे डिजाइन किया था। इस डॉल की शक्तिशाली संरचना और मोल्डिंग तकनीक ने उसे उत्पादन के लिए आसान बना दिया। इसके पहले, डॉलों को आम तौर पर रिवर्स मोल्डिंग तकनीक के माध्यम से बनाया जाता था जिससे वे अधिक मजबूत नहीं बन सकते थे। इसलिए, बार्बी डॉल का नया डिजाइन उस दौर की अन्य डॉलों से अलग था और इसे काफी पसंद भी किया गया।
बार्बी डॉल को 1959 में पहली बार न्यूयॉर्क के इंटरनेशनल टॉय फेयर में पेश किया गया था, और हाल ये था कि ये डॉल लोगों को पहली ही बार में पसंद आ गई थी। इसके बाद, इस डॉल दुनियाभर में लोकप्रियता मिलने लगी और आज तक इसकी लोकप्रियता बनी हुई है।

बार्बी डॉल की होती है लाखों में कमाई

तकरीबन 64 साल पहले रूथ हैंडलर ने बार्बी डॉल के रूप में एक लड़का और लड़की गोरी त्वचा में बनायी थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि, अपने पहले साल में ही 300,000 बार्बी डॉल की बिक्री हुई। ये मार्केट में काफी हिट साबित हुई। इसकी फाउंडर ने कहा था कि पहले केवल बेबी डॉल हुआ करती थीं, कि तब महिलाएं केवल मां बनना चाहती थीं. वक्त बदला और महिलाएं करियर पर ध्यान देने लगीं। तभी आईं वयस्क जैसी दिखने वाली बार्बी डॉल।

बार्बी डॉल का बदला रूप

New Project 10 | Sach Bedhadak

जब बार्बी को काफी पहचान मिलने लगी तब लोगों के मन में ये सवाल उठा कि, आखिर बार्बी गोरी ही क्यों होगी। ऐसे में साल 1998 में एक और बार्बी को लॉन्च किया गया जो कि, अश्वेत थी। 1998 में अश्वेत और अफ्रीकियों जैसे बालों वाली डॉल मार्केट में आईं. हालांकि ये दिक्कत अब भी खत्म नहीं हुई। महिलाएं अभी भी बार्बी के वजह से अपने फिगर पर संदेह करती थीं। इस बात की लड़ाई काफी लंबी चली कि, हर बॉडी टाइप को अपनाना चाहिए। जिसके बा साल 2015 में लंबी, छोटी, मोटी, सब तरह की बार्बी आईं। हाल ये है कि, अब मार्केट में 35 स्किन टोन, 97 हेयर स्टाइल, 9 बॉडी टाइप समेत तमाम वर्जन में मौजूद हैं। लोग इन नई बार्बी को सभी बॉडी टाइप वाला मानते हैं।

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